
दिल्ली में 4 अक्टूबर 2025 को होगा शनि पर पहली अकादमिक शोध पुस्तक का विमोचन
नई दिल्ली, 1 सितम्बर:
Shani: A Comprehensive Study of Saturn in Global Traditions नामक एक महत्वपूर्ण अकादमिक ग्रंथ का औपचारिक विमोचन 4 अक्टूबर 2025 को संविधान क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में किया जाएगा। यह पुस्तक दिल्ली विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफ़ेसर और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की परामर्श सदस्य डॉ. वंदना शर्मा ‘Diya’ द्वारा लिखी गई है। इसके सह-लेखक प्रतिष्ठित ज्योतिषाचार्य मृ्त्युंजय शर्मा हैं। यह कृति शनि (Śani) पर विभिन्न सभ्यताओं में अब तक का सबसे विस्तृत और शोधपरक अध्ययन मानी जा रही है।
जहाँ प्रचलित धारणाएँ शनि को केवल अंधविश्वास या ज्योतिषीय भविष्यवाणियों तक सीमित कर देती हैं, वहीं यह पुस्तक शास्त्रीय ग्रंथों, खगोलशास्त्र, ज्योतिष, इतिहास और आइकॉनोलॉजी को एक तुलनात्मक ढाँचे में समेटती है। इसमें इस रहस्यमय खगोलीय पिंड के प्रति अलग-अलग संस्कृतियों और कालों में बने दृष्टिकोणों का गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।
इस ग्रंथ को व्यापक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के लिए इसका अंग्रेज़ी से हिंदी अनुवाद किया गया है। अनुवादक हैं बौद्ध अध्ययन के प्रसिद्ध विद्वान डॉ. कौशलेंद्र सिंह और सह-अनुवादक हैं दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र पुरुषोत्तम बिहारी। दोनों ने मिलकर इस कार्य को न केवल विद्वत्तापूर्ण स्तर पर प्रामाणिक बनाए रखा है, बल्कि इसे अधिक सुलभ और रोचक भी बनाया है।
डॉ. वंदना शर्मा, जिन्होंने पहले दर्शन, संस्कृति और भारतीय परंपराओं पर लिखा है, इस पुस्तक में शनि को भय का प्रतीक न मानकर वैज्ञानिक अन्वेषण और सांस्कृतिक स्मृति के एक केंद्रीय आयाम के रूप में प्रस्तुत करती हैं। यह ग्रंथ मेसोपोटामियन और यूनानी-रोमन स्रोतों से लेकर भारतीय शास्त्रीय साहित्य तक के संदर्भों का उपयोग करता है और शनि को विज्ञान और परंपरा के बीच एक सेतु के रूप में स्थापित करता है।
यह पुस्तक दिल्ली स्थित Originals, लो प्राइस पब्लिकेशन्स के इम्प्रिन्ट द्वारा प्रकाशित की गई है और आने वाले वर्षों तक एक मानक संदर्भ ग्रंथ मानी जाएगी।
संविधान क्लब में आयोजित होने वाला यह विमोचन कार्यक्रम विद्वानों, सांस्कृतिक हस्तियों और नीति-निर्माताओं को एक साथ लाएगा, और यह दर्शाएगा कि किस प्रकार यह कृति ग्रह-परंपराओं के अध्ययन को अकादमिक दृष्टिकोण से नए आयाम देती है।
बहुविषयी शोध और सुलभ प्रस्तुति का अद्वितीय संगम होने के कारण, Shani: A Comprehensive Study of Saturn in Global Traditions छात्रों, शोधकर्ताओं और सामान्य पाठकों के लिए एक महत्त्वपूर्ण संदर्भग्रंथ सिद्ध होने की संभावना है।